हैदराबाद
JNU के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार के खिलाफ भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) ने निंदा प्रस्ताव पारित किया है। कन्हैया के खिलाफ ये कार्रवाई पटना ऑफिस में कार्यालय सचिव इंदुभूषण वर्मा के साथ मारपीट करने के बाद की गई। हैदराबाद में नेशनल काउंसिल की बैठक में ये निंदा प्रस्ताव पारित किया गया है।

मारपीट का क्या था पूरा मामला?
1 दिसंबर 2020 को कन्हैया कुमार पटना कार्यालय में अपने समर्थकों के साथ पहुंचे थे। वहां बेगूसराय जिला काउंसिल को लेकर बैठक होनी थी। मगर किसी कारण से ये बैठक स्थगित कर दी गई थी। लेकिन उसके स्थगित होने की खबर कन्हैया कुमार को नहीं दी गई। इतनी सी बात पर कन्हैया के समर्थकों ने प्रदेश कार्यालय सचिव इंदुभूषण वर्मा के साथ बदसलूकी, धक्का-मुक्की और मारपीट की।

इस मामले पर कन्हैया कुमार और उनके साथियों के खिलाफ राष्ट्रीय नेतृत्व से कार्रवाई की मांग की गई थी। तब इस घटना पर पार्टी के बड़े नेताओं ने कुछ नहीं कहा था. हालांकि कन्हैया कुमार ने बाद में सफाई दी थी। उन्होंने कहा था कि वो इस हिंसा के हिस्सा नहीं थे।

निंदा प्रस्ताव का 107 सदस्यों का समर्थन
कन्हैया कुमार सीपीआई के नेशनल एग्जीक्यूटिव काउंसिल के सदस्य हैं। मगर तबीयत खराब होने की वजह से वो बैठक में शामिल नहीं थे। नेशनल एग्जीक्यूटिव काउंसिल के 110 सदस्यों ने इस मीटिंग में शिरकत की। सीपीआई के राष्ट्रीय महासचिव डी राजा भी मौजूद थे। कन्हैया कुमार के खिलाफ निंदा प्रस्ताव का मात्र तीन सदस्यों ने विरोध किया था।

Source : Agency